10 lines on Bhagat Singh in hindi. Bhagat Singh par 10 lines in hindi.

Author: Amresh Mishra | 12 months ago
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आज हम ऐसे महापुरुष के बारे में बताने वाले हैं. जिन्होंने ब्रिटिश ओर से भारत की आजादी के लिए अपना बलिदान दे दिया.देश की स्थिति में एक होनहार बालक की मनोदशा को इस प्रकार बदल दिया कि अपने कार्यों से इनका नाम भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता है.

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 जब हम कभी अपने देश के शहीदों के बारे में पढ़ते हैं तो हमें अपने अंदर भी उनके जैसा बनने की इच्छा उत्पन्न होती है. आज पूरे देश में शहीद भगत सिंह वीरता के प्रतीक के तौर पर जाने जाते हैं.उन्होंने कम उम्र में देश के लिए अपने प्राण का बलिदान दे दिया तो चलिए जानते हैं, शहीद वीर भगत सिंह के बारे मे संपूर्ण जानकारी.

10 lines on Bhagat Singh in hindi

10 lines on Bhagat Singh in hindi 

  • भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 ईस्वी को हुआ था.
  • इनका जन्म स्थल पंजाब के लायलपुर जिला में बंगा गांव में हुआ था.
  •  इनके पिताजी का नाम सरदार किशन सिंह और माताजी का नाम विद्यावती कौन था.
  •  भगत सिंह एक किसान परिवार से थे.
  •  जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह की सोच पर गहरा प्रभाव डाला था
  • भगत सिंह लाहौर के नेशनल कॉलेज की पढ़ाई छोड़ कर भारत की आजादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की थी.
  •  भगत सिंह लगभग 2 साल जेल में रहे इसके दौरान वे लेख लिखकर अपने क्रांतिकारी विचार व्यक्त करते रहते थे.
  • भारत और पाकिस्तान की जनता भगत सिंह को आजादी के दीवाने के रूप में देखते हैं जिन्होंने अपनी सारी जिंदगी देश के लिए समर्पित कर दिया.
  •  भगत सिंह को हिंदी उर्दू पंजाबी तथा अंग्रेजी के अलावा बंगला भी आता था उन्होंने बटुकेश्वर दत्त से सीखी थी.
  • भगत सिंह ने इंकलाब जिंदाबाद का नारा दिया था.

10 lines on Bhagat Singh in hindi

  •  भगत सिंह भारत के एक महान क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी था
  •  भगत सिंह के पिता और चाचा क्रांतिकारी थे जिसके प्रभाव भगत सिंह पर पढ़ा
  • भगत सिंह शादी से इंकार कर दिया था क्योंकि वह यह बंधन उन्हें मातृभूमि की सेवा करने में  बाधा बन जाएगा.
  •  भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर अंग्रेजो के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था.
  •  9 अगस्त 1925 को शाहजहांपुर से लखनऊ के लिए चली 8 नंबर पैसेंजर से काकोरी नामांक छोटे स्टेशन पर सरकारी खजाने को लूट लिया .
  • काकोरी घटना के बाद अंग्रेजों ने हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन के क्रांतिकारियों को जगह-जगह पर अपने एजेंट तैनात कर दिए.
  • 17 दिसंबर 1928 को भगत सिंह राजगुरु के साथ मिल कर अंग्रेज अफसर जेपी  सांडर्स को मारा था.
  • भारत की तत्कालीन सेंट्रल असेंबली  सभागार में 8 अप्रैल 1929 को अंग्रेज सरकार को जगाने के लिए बम और पर्चे फेंके थे.
  •  भगत सिंह को जब भी मौका मिलता था राजगुरु और यशपाल के साथ वह फिल्म देखने चले जाते थे ,उन्हें चार्ली चैपलिन की फिल्में बहुत पसंद थी लेकिन इससे चंद्रशेखर आजाद बहुत गुस्सा हो जाते थे.
  •  23 मार्च 1931 को भगत सिंह और उनके साथियों सुखदेव और राजगुरु को फांसी दे दी गई. 

भगत सिंह से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवाल

शहीद भगत सिंह कौन थे?

 भारत के क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी

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भगत सिंह को कितने भाई थे?

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भगत सिंह ने अपनी मां से क्या कहा था?

 भगत सिंह अपनी मां से कहा था मेरा सब लेने आप नहीं आना कुलवीर को भेज देना क्योंकि यदि आप आएंगे ,रो पड़ेंगे मैं नहीं चाहता कि लोग यह कहे कि भगत सिंह की मां रो रही है.

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भगत सिंह का नारा क्या है?

 इंकलाब जिंदाबाद

 गांधी जी ने भगत सिंह को क्यों नहीं बचा पाय?

 भगत सिंह की जान बचाने के लिए अकेले गांधी प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया .

 आखिरी खत में भगत सिंह ने क्या कहा था?

 भगत सिंह ने कहा था जीने की इच्छा मुझ में भी  है यह मैं छुपाना नहीं चाहता.मेरे दिल में फांसी से बचने का कोई लालच नहीं है. यह खत 22 मार्च 1921 को अपने क्रांतिकारी साथियों को लिखा था.

भगत सिंह किस धर्म को मानते थे?

 सनातन धर्म

 भगत सिंह को फांसी देने वाला जज का क्या नाम है?

 जी सी हिल्टन.

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Conclusion

इस लेख में हमने बताया शहीद भगत सिंह के बारे में 10 वाकया (10 Sentences on Shahid Bhagat Singh in hindi)। उम्मीद करता हूँ. इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको भगत सिंह के बारे में कोई परेशानी नहीं आए होगी.

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Author: Amresh Mishra
I’m a dedicated MCA graduate with a deep-seated interest in economics. My passion is deciphering intricate financial concepts and empowering individuals to make informed financial choices. Drawing on my technical background and profound grasp of economic principles, I aim to simplify complex topics like Insurance and Loans, providing the knowledge needed to navigate today’s economic terrain.

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