Urja ka si matrak kya hota hai: आज इस लेख में जानेंगे की ऊर्जा क्या है? “Urja kya hai” ऊर्जा का S.I मात्रक क्या होता है? “Urja ka S.I matrak kya hota hai” ऊर्जा कितने प्रकार के होते हैं? “Urja Ke Kitne Prakar Hota Hai” ऊर्जा के संरक्षण नियम क्या है? “Urja Sanrakshan ka niyam kya hai” इत्यादि।

ऊर्जा क्या है? (Urja kya hai)?
किसी व्यक्ति या वस्तु द्वारा किया गया कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहा जाता है.
ऊर्जा प्रकृति में कई रूप मे पाए जाते हैं. ऊर्जा के कार्य से मापने के कारण ऊर्जा तथा कार्य का मात्रक भी एक ही होता है. किसी वस्तु के ऊर्जा का मापन उसके द्वारा किया गया कार्य के अनुसार किया जाता है. अगर कोई वस्तु एक जगह स्थित है और वह कार्य करने के योग्य नहीं रहे तो उसका ऊर्जा शून्य रहती है.
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ऊर्जा की परिभाषा क्या है? Urja Kise Kahte Hai?
जब वह कोई कार्य करते हैं तो हम कह सकते हैं कि उस वस्तु के पास ऊर्जा है. कार्य की आंतरिक क्षमता को ऊर्जा कहते हैं.
- ऊर्जा एक आदिश राशि है.
- English में ऊर्जा को Energy कहते हैं.
ऊर्जा का S.I मात्रक क्या होता है? “Urja Ka S.I Matrak Kya Hota Hai”
यहां पर आपको ऊर्जा का मात्रक विभिन्न तरह से बतायेंगे.
ऊर्जा का S.I मात्रक क्या होता है? “Urja ka S.I matrak
- SI पद्धति में ऊर्जा का मात्रक Joule [जूल ] होता है .
कार्य के सूत्र से,
कार्य = बल ×चाल
W=F.S
- S.I का फूल फॉर्म- International System Of Unit
अगर कोई वस्तु 1 जुल ऊर्जा खर्च कर्ता है, तो वह 1 मीटर विस्थापित होगा.
C.G.S पद्धति में ऊर्जा का मात्रक क्या होता है?
C.G.S में ऊर्जा का मात्रक erg [आर्ग ] होता है.
ऊर्जा के कितने प्रकार होते हैं? “Urja Ke Kitne Prakar Hote hai”
ऊर्जा के निम्नलिखित प्रकार होते हैं.
- गतिज ऊर्जा (Kinetic energy)
- स्थितिज ऊर्जा (Potential energy)
- आंतरिक ऊर्जा (Internal Energy)
- यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Energy)
- रासायनिक ऊर्जा (Chemical energy)
- नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Energy)
- सौर ऊर्जा (Solar Energy)
- ध्वनि ऊर्जा (Sound energy)
- प्रकाश ऊर्जा (Light Energy)
- विद्युतीय ऊर्जा Electric energy)
- तापीय ऊर्जा (Thermal Energy)
गतिज ऊर्जा किसे कहते हैं? “Gatij Urja Kise Kahte Hai”
- यह एक अतिरिक्त ऊर्जा है, जो रेखीय वेग तथा कोणीय आवेग के कारण होती है. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा का मान कार्य परिणाम से किया जाता है जो गतिशील वस्तु को विराम अवस्था में लाता है, तथा कोई वस्तु अगर विराम अवस्था में है तो उसे गतिशील अवस्था में लाया जाता है.

- किसी वस्तु की उर्जा उसकी गति के कारण से होती है, उसे गतिज ऊर्जा कहते हैं. किसी विराम वस्तु को गति में तथा गतिशील वस्तु को विराम में लाने की प्रक्रिया को गति ऊर्जा कहते हैं.
Example:-
बंदूक से छोड़ी गई गोली, घूमते हुए लड्डू.
- गतिज ऊर्जा अदिश राशि तथा यह सदैव धनात्मक होती है.
- गतिज ऊर्जा को K से सूचित किया जाता है.
K = F.S
Kinetic Energy = Force X Speed
गति के तृतीय समीकरण के अनुसार
a = V2/2S. S
K = m(V2/2S).S
K = 1/2mv2
स्थितिज ऊर्जा किसे कहते हैं? “Sthitij Urja Kise Kahte Hai”

- जब किसी वस्तु की अवस्था या स्थिति के कारण क्षमता आ जाती है तो उसे स्थितिज ऊर्जा कहा जाता है.
- किसी वस्तु की वह उर्जा जो स्थिति या विरूपित के कारण होती हैं उसे स्थितिज ऊर्जा कहते हैं.
- इसे U से सूचित किया जाता है.
स्थितिज ऊर्जा के प्रकार “Sthitij Urja Ke Prakar”
गुरुत्विय स्थितिज ऊर्जा
पृथ्वी से ऊचाई पर स्थित वस्तुओं में जो ऊर्जा लगती है, उसे गुरुत्विय स्थितिज ऊर्जा कहते हैं.
विद्युत स्थितिज ऊर्जा
दो विद्युत आवेशों के बीच दूरी बढ़ाने तथा घटनाओं के लिए आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध कार्य करने की क्षमता को स्थिर वैद्युत स्थितिज ऊर्जा कहते हैं.
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प्रत्यास्था स्थितिज ऊर्जा
किसी भी वस्तुओं में प्रत्यास्था स्थितिज ऊर्जा के कारण होती हैं, जिसे प्रत्यास्था स्थितिज ऊर्जा कहते हैं.
रासायनिक स्थितिज ऊर्जा
रासायनिक स्थितिज ऊर्जा में मिट्टी का तेल, एल्कोहल, कोयला, hydrogen इत्यादि को रासायनिक स्थितिज ऊर्जा कहते हैं.
आंतरिक ऊर्जा किसे कहते हैं? “Antrik Urja Kise Kahte Hai”
इस ऊर्जा के अणुओं में गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का योग होता है. प्रत्येक वस्तु में आणविक बलों के कारण संचित की गई ऊर्जा को आंतरिक ऊर्जा कहा जाता है.
- सभी वस्तुओं में अनु होते हैं जो एक दूसरे के सापेक्ष कंपन करते हैं.
यांत्रिक ऊर्जा किसे कहते हैं? “Yantrik Urja Kise Kahte Hai”
जब कोई वस्तु किसी अन्य वस्तु पर कार्य करती हैं तो उसके ऊपर ऊर्जा खर्च होती हैं. जिस वस्तु पर कार्य किए जाते हैं. उसका ऊर्जा बढ़ जाता हैं. इसके द्वारा किया गया कार्य को यांत्रिक ऊर्जा कहते हैं.
रासायनिक ऊर्जा किसे कहते हैं? “Rasayanik urja kise kahte hai”
परमाणुओं तथा अणुओं के बंधनों को संगृहीत ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा कहते हैं. जैसे – बायोगैस, Hydrogen, पेट्रोलियम, कोयला और प्राकृतिक गैस.
- गैसोलीन रासायनिक ऊर्जा को तापीय ऊर्जा में परिवर्तित कर देते हैं. यदि क्रिया करने वाले अणुओं की बंधन ऊर्जा क्रिया में उत्पन्न होने वाले बंधन ऊर्जा से अधिक होती है, तो इसमें उष्मा ऊर्जा मुक्त होगा तथा इस क्रिया को उष्माक्षेप कहलाती है.
नाभिकीय ऊर्जा किसे कहते हैं? “Nabhikiya Urja Kise Kahte Hai”
किसी भी परमाणु के नाभिक में दो मौलिक कन होते हैं. एक प्रोटान दूसरा न्यूट्रॉन. इस दोनों कणों को संगृहीत रखने के लिए आवश्यक ऊर्जा को नाभिकीय ऊर्जा कहते हैं.

नाभिकीय संलयन तथा नाभिकीय विखंडन से नाभिकीय ऊर्जा मुक्त होती हैं. इस तरह से ज्यादा द्रव्यमान की क्षति होती है, तो आइंस्टीन के द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण E=mc2 से नाभिकीय ऊर्जा के रूप मे रूपान्तरित होकर उत्सर्जित हो जाते हैं.
सौर ऊर्जा किसे कहते हैं? “Saur urja kise kahte hai”
सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं। यह ऊर्जा नाभिकीय संलयन से प्राप्त होती हैं।
ध्वनि ऊर्जा किसे कहते हैं? “Dhwani Urja kise kahte hai”
यह एक ऐसी ऊर्जा है जो हमारे कानो में संवेदन उत्पत्ति करते है।
प्रकाशीय ऊर्जा किसे कहते है? “Prakashiya Urja Kise kahte hai”
विकरण ऊर्जा के दृषिये भाग को प्रकाशीय ऊर्जा कहा जाता है।
विधुतीय ऊर्जा किसे कहा जाता है? “Vidhutiya Urja Kise kahte hai”
विधुतीय आवेश एक दूसरे को आकर्षित तथा प्रतिकर्षित करते हैं। विधुतीय आवेश को विधुतीय क्षेत्र में एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में कुछ कार्यों की जरुरत होती है जिसे विधुतीय ऊर्जा कहते हैं।
तापीय ऊर्जा किसे कहते हैं? “Tapiya Urja Kise Kahte hai”
ऊष्मा ऊर्जा का एक रूप है, जिसे तापीय ऊर्जा कहा जाता है। अणुओ के अव्यवस्थित रूप से विचरण के कारण उष्मीय ऊर्जा उत्पन्न होती है।
- भाप में उष्मीय ऊर्जा होती है।
ऊर्जा का संरक्षण नियम क्या है? “Urja Ka Sanrakshan Niyam Kya Hai”
ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जाता है और ना ही नष्ट किया जाता है। इसको केवल एक दूसरे रूप में परिवर्तित किया जाता है। जिसे ऊर्जा का संरक्षण नियम कहा जाता है।
यांत्रिक ऊर्जा संरक्षण नियम “Yantrik urja sanrakshan Niyam”
स्थितिज ऊर्जा को गतिज ऊर्जा में बदल दिया जाता है तथा गतिज ऊर्जा को फिर से स्थितिज ऊर्जा में बदल दिया जाता है। इस दोनों का योग हमेश स्थिर रहता है। अगर इसमें कोई घर्षण बल उपस्थित ना हो तो यह एक ऊर्जा का संरक्षण नियम होता है।
ऊर्जा का रूपांतरण
ऊर्जा को ना तो उत्पन्न किया जा सकता है और ना ही ऐसे नष्ट किया जाता है। सिर्फ इसके रूप को एक दूसरे में बदला जाता है, ऊर्जा का रूपांतरण कहलाता है।
जैसे- नाभिकीय ऊर्जा को उष्मीय ऊर्जा में बदलना , स्थितिज ऊर्जा को विधुतीय ऊर्जा में बदलना,
कार्य, ऊर्जा प्रमेय
किसी वस्तु पर बालों द्वारा किया गया कार्य उसके गतिज ऊर्जा के बराबर होते हैं।
- बलों द्वारा किया गया कार्य = गतिज ऊर्जा
Conclusion
इस लेख में हमने आपको बताया की ऊर्जा क्या है? “Urja kya hai” ऊर्जा कितने प्रकार के होते हैं? “Urja ke kitne prakar hote hai” ऊर्जा का S.I मात्रक क्या होता है? “Urja ka S.I Matrak kya hota hai” ऊर्जा के संरक्षण नियम “Urja ke sanrakshan ka niyam” ,आदि के बारे में बताया। मुझे उम्मीद है की आप लोगो को यह आर्टिकल पसंद आया होगा।