Netaji Subhash Chandra Bose: नेताजी सुभाष चंद्र बोस देश के सच्चे हीरो थे। अगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस नहीं होते तो देश आजादी का केवल सपना देखता! मेरे हिसाब से अगर महात्मा गांधी राष्ट्रपिता है, तो राष्ट्र के भगवान “नेताजी सुभाष चंद्र बोस” Netaji Subhash Chandra Bose को कहना चाहिए।
जब महात्मा गांधी ने डोमिनियन स्टेट को स्वीकार किया था। तब नेताजी सुभाष चंद्र बोस “Netaji Subhash Chandra Bose” ने उन्हें समझाया और आग्रह किया कि डोमिनियन स्टेट देश के लिए खतरा है। हमें डोमिनियन स्टेट नहीं पूर्ण साम्राज्य चाहिए। उनके पास लोगों को आकर्षित करने की गजब की क्षमता थी। ना केवल भारत के लोगों को अपनी और आकर्षित किया, बल्कि हिटलर, जापान के प्रधानमंत्री जैसे लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया और अपनी बात मनवाया।
गांधी जी को नेताजी अपना गुरु(चितरंजन दास) मानते थे। लेकिन दोनों की विचारधारा बिल्कुल विपरीत थी। आज ऐसे ही महान नेता नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है। अपने आर्टिकल के माध्यम से हमने उन्हें याद करने की कोशिश की है। अगर हमारा यह आर्टिकल आपको पसंद आता है, तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का जीवन परिचय
Netaji Subhash Chandra Bose: उड़ीसा के कटक में 23 जनवरी 1897 को जन्में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की आज जयंती है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक, आजाद हिंद फौज के संस्थापक और जय हिंद का नारा देने वाले भारत के वीर पुत्र का आज ही के दिन जन्म हुआ था। और उनकी याद में हम लोग हर वर्ष 23 जनवरी को उनका जन्म दिवस धूमधाम से मनाते हैं।

आजादी के समय अगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस “Netaji Subhash Chandra Bose” जीवित रहते तो, भारत का विभाजन ना होता। क्योंकि वे एक अकेले नेता थे, जो हिंदू और मुसलमान दोनों को एक साथ करने की ताकत रखते थे। अली जिन्ना को अगर कोई मना सकता था, कन्वेंस कर सकता था। तो वे थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस।
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अगर वे जीवित रहते तो, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के नाम से जाने जाते हैं। क्योंकि उनके रहते ना ही पंडित जवाहरलाल नेहरू और नाही अली जिन्ना प्रधानमंत्री बनने के होड़ में देश का बंटवारा करते। आज भारत पाकिस्तान दो देश नहीं बल्कि एक होता।
हिंदू मुस्लिम को कोई एक कर सकता था तो वे थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस। वे एक ऐसे शख्स थे जिन्होंने हिटलर, जापान के प्रधानमंत्री को कन्वेंस कर अपनी बात मनवा चुके थे।
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म कब हुआ?
Netaji Subhash Chandra Bose ka janm
नाम | नेताजी सुभाष चंद्र बोस “Netaji Subhash Chandra Bose” |
जन्म स्थान | उड़ीसा, कटक |
जन्म दिवस | 23 जनवरी 1897 |
पिता का नाम | जानकीनाथ बोस |
माता का नाम | प्रभावती |
प्रसिद्ध नारे | जय हिन्द, तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा |
स्थापना | आज़ाद हिन्द फौज |
सिविल सर्विस की तैयारी के लिए | इंग्लैंड के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी |
सिविल सर्विस में स्थान | 4th |
शादी | ऑस्ट्रियन युवती एमिली |
स्वर्गवास | 18 अगस्त 1945(विमान दुर्धटना) विवादित |
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की कुछ अनसुनी बातें:
- नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जब प्रेसीडेंसी कॉलेज में पढ़ते थे। तब उन्होंने अपने अधिकार के लिए कॉलेज में स्ट्राइक किया था।
- उन्हें आई.सी.एस की पढ़ाई के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन भेज दिया गया।
- चार साल की पढ़ाई को उन्होंने केवल 7 महीने में पूरी की और आई.सी.एस में 4th स्थान प्राप्त किया।
- जब नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने आई.सी.एस. से त्याग पत्र दे दिया तो हजारों की संख्या में लोग उन्हें देखने के लिए आए।
- उन्होंने सोचा इतनी छोटी सी बात के लिए हमसे मिलने हजारों की संख्या में लोग आए हैं तो देश सेवा करेंगे तो कितने लोग आएंगे।
- देश की आजादी की लड़ाई में चितरंजन दास को अपना गुरु मानकर कूद पड़े।
- स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नेताजी बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध युवा नेता के रूप में उभरे उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ मिलकर युवकों की इंडिपेंडेंस लीग शुरू की।
- चुकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस गर्म मिजाज के थे और कांग्रेस नरम। इसलिए दोनों की बात आपस में जमी नहीं और कोलकाता अधिवेशन में उन्होंने त्यागपत्र देकर 1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना कर दी।
- अंग्रेज 1940 में युद्ध विरोधी आंदोलन से भयभीत होकर सुभाष चंद्र बोस को घर में ही नजरबंद कर रखा था फिर भी वह अपनी बुद्धि और साहस का परिचय देते हुए घर से भाग निकले थे।
- घर से भागकर अफगानिस्तान के रास्ते बर्लिन पहुंचे। बर्लिन के तत्कालीन तानाशाह हिटलर से वे मिले और उनसे भारत को स्वतंत्र कराने के लिए सहायता मांगी।

- हिटलर ने उन्हें अपनी स्पेशल पनडुब्बी जहाज से जापान के लिए भेजा और वह जापान के प्रधानमंत्री से भी मिले। और उनसे भी भारत की आजादी के लिए सहायता मांगी।
- पूर्व एशिया में पहुंचकर नेता जी ने अनेक भाषण दिए और आजाद हिंद फौज में भर्ती होने तथा आर्थिक सहायता के लिए उन्होंने मदद मांगी।
- उन्होंने लोगों से कहा कि “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा”।
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नेता जी ने आजाद हिंद फौज और जापानी सेना की मदद से भारत पर आक्रमण किया और अपनी सेना को प्रेरित करने के लिए दिल्ली चलो का नारा दिया।
- 6 जुलाई 1944 को पहली बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने गांधी जी को राष्ट्रपिता कह कर संबोधित किया। तथा भारत की आजादी की लड़ाई के लिए उनसे आशीर्वाद मांगा।
नेता जी सुभाष चन्द्र (Netaji Subhash Chandra Bose) बोस की मृत्यु
द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की हार के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस को एक नया रास्ता ढूंढना जरूरी था। 18 August 1945 को हवाई जहाज से मंचूरिया के लिए रवाना हुए थे। उसके बाद उनका कोई खबर नहीं आया।
23 August 1945 को जापान की एक खबर संस्था ने खबर दिन की नेताजी सुभाष चंद्र बोस जिस विमान में बैठे थे। वह ताइवान की जमीन पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। और वे अपनी आखिरी सांसें गिन रही है।
भारत सरकार ने उनकी मृत्यु की जांच के लिए 1956 और 1977 में दो बार आयोग गठित किया। लेकिन दोनों बार उनकी मृत्यु की पुष्टि विमान दुर्घटना ही बताई गई। समय-समय पर उनकी मौत पर आशंका जताई जाती है।
भारत सरकार के लिए कितनी शर्म की बात है कि एक महान नायक और स्वतंत्रता सेनानी जिसकी वजह से आज हम लोग चैन की सांस ले रहे हैं। उनकी मौत एक रहस्य बना हुआ है।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के अनमोल विचार

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती हर वर्ष 23 जनवरी को मनाई जाती है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 ईस्वी को उड़ीसा के कटक में हुआ था।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के माता का नाम प्रभावती और पिता जानकीनाथ बोस थे। जानकीनाथ पेशे से एक वकील थे।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पत्नी का नाम एमिली था जो एक ऑस्ट्रीयन थी।
भारतीय प्रशासनिक सेवा में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का स्थान चौथा था। वे कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से आई.सी.एस(ICS) की पढ़ाई पूरी की थी।
Conclusion
नेताजी सुभाष चंद्र बोस अपने उग्रतारा और क्रांतिकारी स्वभाव से लड़ते हुए देश को आजाद कराने का सपना देखा था। अगर उनको देश की अन्य नेताओं का भी सहयोग मिला होता, तो यकीनन देश की तस्वीर आज कुछ ओर होती। नेताजी सुभाष चंद्र बोस को हमारी तरफ से भावपूर्ण श्रद्धांजलि!
आज के आर्टिकल में हम नहीं नेताजी सुभाष चंद्र बोस “Netaji Subhash Chandra Bose” के बारे में बताया। अगर हमारी ये आर्टिकल आपको पसंद आती है तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।